Kshitij Bhag 2 - Class 10, NCERT (CBSE) Hindi Guide | Chapter 10, नेताजी का चश्मा | Extra Questions

 

NCERT (CBSE) Guide for Class 10 Hindi Course 'A'

Hindi Kshitij Bhag 2 | Netaji Ka Chashma | स्वयं प्रकाश (नेताजी का चश्मा)

NCERT Hindi Textbook (Kshitij Bhag 2) Exercise Solutions for Q1- Q6 [Read]

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प्रश्न ७: जब तक हालदार साहब ने कॅप्टन को साक्षात नहीं देखा था तब तक उसके मानस पटल पर उसका कौन -सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए| 
उत्तर: हालदार साहब ने जब तक कॅप्टन को साक्षात नहीं देखा था तब तक उनके मानस पटल पर कॅप्टन की एक भारी-भरकम मज़बूत शरीर वाली रोंबदार छवि अंकित हो रही होगी| उन्हें लगता था फौज में होने के कारण लोग उन्हें कॅप्टन कहते हैं| 
प्रश्न ८: कस्बों, शहरों, महानगरों पर किसी न किसी शेत्र के प्रसिद्व व्यक्ति की मूर्ति लगाने  का प्रचलन-सा हो गया है - 
(क) इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?
(ख) आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों? 
(ग) उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए? 
उत्तर: (क) इस तरह की मूर्ति लगाने का प्रमुख उद्देश्य यह होता है कि उक्त महान व्यक्ति की स्मृति हमारे मन में बनी रहे| हमें यह स्मरण रहे कि उस महापुरूष ने देश व समाज के हित के लिए किस तरह के महान कार्य किये| उसके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर हम भी अच्छे कार्य करें, जिससे समाज व राष्ट्र का भला हो| 
(ख) हम अपने इलाके के चौराहे पर महात्मा गांधी की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे| इसका कारण यह है कि आज के परिवेश में जिस प्रकार से हिंसा, झूठ, स्वार्थ, वैमनस्य, साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार आदि बुराइयाँ व्याप्त होती जा रही हैं, उसमें गांधीजी के आदर्शों की प्रासंगिकता और भी बढ़ गयी है| गांधीजी की मूर्ति स्थापित होने से लोगों के अंदर सत्य, अहिंसा, सदाचार, साम्प्रदायिक सौहार्द आदि की भावनाएं उत्पन्न होंगी| इससे समाज व देश का वातावरण अच्छा बनेगा| 
(ग) हमारा यह उत्तरदायित्व होना चाहिए कि हमुस मूर्ति की गरिमा का ध्यान रखें| 
हम न तो स्वयं उस मूर्ति का अपमान करें अथवा उसे क्षति पहुँचाएँ और न ही दूसरों को ऐसा करने दें| हम उस मूर्ति के प्रति पर्याप्त श्रद्धा प्रकट करेंएवाम उस महापुरूष के आदर्शों पर स्वयं भी चलें तथा दूसरे लोगों को भी चलने के लिए प्रेरित करें| 
प्रश्न १०: निम्नलिखित पंक्तियों में स्थनीय बोली का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, आप इन पंक्तियों को मानक हिंदी में लिखिए - 
कोई गिराक आ गया समझो| उसको चौड़े चौखट चाहिए| तो कॅप्टन किदर से लायेगा ? तो उसको मूर्तिवाला दे दिया | उदर दूसरा बिठा दिया | 
उत्तर: कोई ग्राहक आ गया समझो | उसको चौड़े चौखट चाहिए | तो कॅप्टन किधर से लायेगा ? तो उसको मूर्तिवाला दे दिया | उधर दूसरा बिठा दिया |          
प्रश्न ११: 'भी खूब! क्या आईडिया है|' इस वाक्य को ध्यान में रखते हुए बताइए कि एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों के आने से क्या लाभ होते हैं ? 
उत्तर: एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों के आने से उस भाषस की भावाभिव्यक्ति की क्षमता में वृद्धि होती है | भाषा का भण्डार बढ़ता है | भाषा का स्वरुप अधिक आकर्षक हो जाता है | भाषा में प्रवाहमयता आ जाती है | 
प्रश्न १२: निम्नलिखित वाक्य से निपात छाती और उनसे नए वाक्य बनाइए - 
(क) नगरपालिका थी तो कुछ न कुछ करती भी रहती थी | 
(ख) किसी स्थानीय कलाकार को ही अवसर देने का निर्णय किया गया होगा |
(ग) यानी चश्मा तो था लेकिन संगमरमर का नहीं था |
(घ) हालदार साहब अब भी नहीं समझ पाए | 
(गं) दो साल तक हालदार साहब अपने काम के सिलसिले में उस कस्बे से गुज़रते रहे |
उत्तर: 
(क) भी (यदि हम परिश्रम करते हैं तो सफल भी होते हैं)     
(ख) ही (उसने वापस घर लौटना ही उचित समझा)  
(ग) नहीं (अंगूठी तो थी लेकिन सोने की नहीं थी)
(घ) भी नहीं (तुम अब भी नहीं लिख सके)
(गं) तक (रामू दो दिनों तक बुखार में वैसे ही तपता रहा)
प्रश्न १३: निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदलिए - 
(क) वह अपनी छोटी - सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर एक फिट कर देता है |
(ख) पानवाला नया पान खा रहा था |
(ग) पानवाले ने साफ़ बता दिया था |
(घ) ड्राईवर ने जोर से ब्रेक मारा |
(गं) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया |
(च) हालदार साहब ने चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया | 
उत्तर:
(क) उसके द्वारा अपनी छोटी - सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर एक फिट कर दिया जाता है | 
(ख) पानवाले से नया पान खाया जा रहा था |    
(ग) पानवाले द्वारा साफ़ बता दिया गया था |
(घ) ड्राईवर द्वारा जोर से ब्रेक मारा गया |
(गं) नेताजी द्वारा देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया गया |
(च) हालदार साहब द्वारा चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया गया |
प्रश्न १४: नीचे लिखे वाक्यों को भाववाच्य में बदलिए -
(क) माँ बैठ नहीं सकती |
(ख) मैं देख नहीं सकती |
(ग) चलो, अब सोते हैं |
(घ) माँ रो भी नहीं सकती |
उत्तर: 
(क) माँ से बैठा नहीं जाता |
(ख) मुझसे देखा नहीं जाता |
(ग) चलो अब सोया जाए |
(घ) माँ से रोया भी नहीं जाता |

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प्रश्न : कॅप्टन कौन था ? उसे कौन-सी बात आहत करती थी ?
उत्तर: कॅप्टन एक चश्मा बेचने वाला था | उसे यह बात आहत करती थी कि नेताजी की मूर्ति पर चश्मा क्यों नहीं बना हुआ है | उसे ऐसा महसूस होता था मानो चश्मे के बिना नेताजी को असुविधा हो रही हो | 
प्रश्न: कॅप्टन ने नेताजी की मूर्ति की कमी को दूर करने का क्या उपाय किया ?
उत्तर: नेताजी की मूर्ति की आँखों पर चश्मा नहीं था | इस कमी को दूर करने के लिए कॅप्टन अपनी छोटी-सी दूकान में उपलब्ध गिने-चुने चश्मे के फ्रेमों में से एक मूर्ति पर लगा देता था | इस प्रकार मूर्ति देखने में असहज नहीं लगती थी |
प्रश्न: हालदार साहब चौराहे पर क्यों नहीं रूकना चाहते थे ?
उत्तर: हालदार साहब चौराहे पर इसलिए नहीं रूकना चाहते थे, क्योंकि वहाँ लगी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति की आँखों पर उन्हें चश्मा लगा नहीं मिलता और उन्हें इस बात पर दुःख पहुँचता था | वहाँ लोगों के अंदर से समाप्त होती जा रही देशभक्ति की भावना का विचार उनके मन में आ जाता, साथ ही देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत कॅप्टन के मर जाने का ज़ख्म भी एक बार फिर से हरा हो जाता था |
प्रश्न: नेताजी की मूर्ति की आँखों पर लगा चश्मा बार-बार क्यों बदल जाता था ?
उत्तर: कॅप्टन चश्मेवाला नेताजी की मूर्ति की आँखों पर चश्मे का फ्रेम लगा देता था | परंतु जब किसी ग्राहक को मूर्ति पर लगे हुए जैसे फ्रेम की आवश्यकता होती थी तो कॅप्टन मूर्ति पर लगे फ्रेम को नेताजी से क्षमा माँगते हुए उतारकर ग्राहक को दे देता था और बाद में नेताजी की मूर्ति की आँखों पर नया फ्रेम लगा देता था |       

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